सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना (Sovereigh Gold Bond Scheme) की छठी और इस साल की आखिरी किस्त के बॉन्ड की खरीद आज से खुल रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इस बार स्वर्ण बॉन्ड की कीमत 5,117 रुपये प्रति ग्राम रखी गई है। सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना 2020-21 की छठी श्रृंखला 31 अगस्त को खुलकर 4 सितंबर को बंद होगी। इससे पहले 1 अगस्त से 7 अगस्त को खुली पांचवीं श्रृंखला के स्वर्ण बॉन्ड का निर्गम मूल्य 5,334 रुपये प्रति ग्राम था।
आरबीआई ने कहा कि स्वर्ण बॉन्ड की कीमत उसके पेश होने वाले सप्ताह से पिछले हफ्ते के अंतिम तीन कारोबारी दिवसों में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की औसत बंद कीमत पर आधारित होती है। मौजूदा श्रृंखला के लिए यह गणना 26 अगस्त से 28 अगस्त 2020 के औसत बंद भाव पर 5,117 रुपये प्रति ग्राम की गई है।
डिजिटल भुगतान पर 50 रुपये की छूट
स्वर्ण बॉन्ड की खरीद के लिए डिजिटल भुगतान करने पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी। ऐसे निवेशकों के लिए बॉन्ड की कीमत 5,067 रुपये प्रति ग्राम होगी। सरकार के स्वर्ण बॉन्ड को रिजर्व बैंक भारत सरकार की ओर से जारी करता है। देश में सोने का आयात घटाने के लिए सरकार ने नवंबर 2015 में यह योजना पेश थी। वित्त वर्ष 2019-20 में रिजर्व बैंक ने दस किस्तों में कुल 2,316.37 करोड़ रुपये यानी 6.13 टन के स्वर्ण बॉन्ड जारी किए।
कौन जारी करता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं। भौतिक सोने की मांग को कम करने और वित्तीय बचत में घरेलू बचत के एक हिस्से को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से साल 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की गई थी। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन द्वारा 999 शुद्धता वाले सोने के लिए लेटेस्ट क्लोजिंग कीमत के आधार पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स का निर्गम मूल्य तय किया जाता है।
कितना सोना खरीद सकते हैं आप
इस स्कीम में 1 वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। 31 अगस्त से 4 सितंबर के बीच सोने के बॉन्ड की इस किस्त की जारी करने की तारीख निश्चित की गई है। बॉन्ड जारी होने के पखवाड़े के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर तरलता के अधीन हो जाते हैं। इसकी खास बात ये होती है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है। जिसके साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट मूल्य पर 2.5 फीसद का गारंटीड फिक्स्ड इंटरेस्ट भी मिलता है।
टैक्स की होगी बचत
वहीं इन बॉन्ड्स की अवधि आठ साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है। इस पर 3 साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा)। वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं।
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