Saturday, March 28, 2020

29 मार्च: एक बड़ी खोज का दिन, जानें खास बातें

नई दिल्ली29 मार्च कई अहम घटनाओं का दिन है। वेस्ता हमारे सौर मंडल से सबसे बड़े क्षुद्रग्रहों में से एक है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी चमक है। इसकी खोज आज ही के दिन यानी 29 मार्च को ही हुई थी। एक नई स्टडी में इस बात की संभावना जताई गई है कि कभी इस क्षुद्रग्रह पर पानी बहता रहा होगा। उसी ने उसकी सतह पर भूक्षरण के निशान और नाले बनाए हैं। देश के स्वतंत्रता संग्राम में भी 29 मार्च के दिन की खास अहमियत है। दरअसल 1857 में 29 मार्च को मंगल पांडे ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की पहली चिंगारी सुलगाई थी, जो देखते ही देखते पूरे देश में आजादी की ज्वाला में बदल गई थी। 1807: जर्मनी के खगोलविद् विल्हेम ओल्बर्स ने क्षुद्रग्रह वेस्ता खोजा। इसे आसमान का सबसे चमकदार छोटा तारा कहा गया। 1849: महाराजा दिलीप सिंह ने अपने दिवंगत पिता रणजीत सिंह का सिंहासन छोड़ दिया और पंजाब पर ईस्ट इंडिया कंपनी का कब्जा हो गया। 1857: कलकत्ता के निकट बैरकपुर में मंगल पांडे ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका। 1859: बहादुर शाह जफर द्वितीय को 1857 की क्रांति में भागीदारी का दोषी पाया गया और अंग्रेज सरकार ने उन्हें देश निकाला देकर रंगून भेज दिया। 1953: हिलैरी तथा तेनजिंग नोर्गे द्वारा विश्व की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट पर विजय। 1999: उत्तर प्रदेश के कुमायूं और चमोली (अब उत्तराखंड) में आधी रात के ठीक बाद आए 6.8 वेग के भूकंप में 100 से ज्यादा लोगों की मौत। 2002: दिल्ली और बीजिंग के बीच सीधी वाणिज्यिक उड़ान सेवा फिर से शुरू। 1954: राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (नेशनल गैलरी आफ मॉडर्न आर्ट) का दिल्ली में शुभारंभ। (भाषा से इनपुट के साथ)


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