Friday, October 30, 2020

कैसे रहेगा समोसे में आलू... कीमत ने तोड़ा एक दशक का रेकॉर्ड

नई दिल्ली त्योहारी सीजन में प्याज और आलू की बढ़ती कीमतों में लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में देशभर में आलू की औसत खुदरा कीमत बढ़कर 39.30 रुपये पहुंच गई। दिल्ली में यह राष्ट्रीय औसत से थोड़ा ज्यादा है। दिल्ली में अक्टूबर में आलू की औसत खुदरा कीमत 40.11 रुपये रही जो जनवरी 2010 के बाद सबसे अधिक है। सालाना आधार पर तुलना की बाद करें तो पिछले साल अक्टूबर में आलू की औसत खुदरा कीमत 20.57 रुपये थी। यानी इस बार यह दोगुना हो गई है। दिल्ली में पिछले साल अक्टूबर में आलू की औसत खुदरा कीमत 25 रुपये थी और इस बार यह 60 फीसदी अधिक है। अमूमन सितंबर से नवंबर तक देश में आलू की खुदरा कीमत अधिक रहती है लेकिन इस साल फरवरी-मार्च से ही आलू महंगा होना शुरू हो गया था जब इसकी औसत मासिक खुदरा कीमत 23 रुपये प्रति किलो पहुंच गई थी। कीमत में क्यों आई तेजीअप्रैल और मई में आलू की कीमतों में तेजी जारी रही। इसका एक कारण यह भी रहा कि पिछले सालों की तुलना में इस बार रबी सीजन में आलू का कम भंडारण हुआ था। कुछ अनुमानों के मुताबिक पूरे देश में कोल्ड स्टोरेज में आलू की केवल 36 करोड़ बोरियां (प्रत्येक बोरी में 50 किलो) रखी गई थीं। यह संख्या 2019 में 48 करोड़, 2018 में 46 करोड़ और 2017 में रेकॉर्ड 57 करोड़ थीं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल देश के कोल्ड स्टोरेज में करीब 214.25 लाख टन आलू रखा गया है जबकि 2018-19 में यह 238.50 लाख टन था। मंत्रालय ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था कि लॉकडाउन के बाद आलू की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन कीमतों को थामने के लिए कोई खास उपाय नहीं किए गए। कॉमर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने नेपाल, ओमान, सऊदी अरब और मलेशिया को अप्रैल से अगस्त के दौरान 1.23 लाख मीट्रिक टन आलू का निर्यात किया।


from बिज़नेस न्यूज: Business News in Hindi - Business Samachar | बिजनेस समाचार, व्यवसाय समाचार, कारोबार की ताज़ा खबरें | Navbharat Times https://ift.tt/3oK6zHu

SHARE THIS

0 comments: